Surat Az-Zumar (The Groups) - الزمر
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39:53 قُلْ يَٰعِبَادِىَ ٱلَّذِينَ أَسْرَفُوا۟ عَلَىٰٓ أَنفُسِهِمْ لَا تَقْنَطُوا۟ مِن رَّحْمَةِ ٱللَّهِ إِنَّ ٱللَّهَ يَغْفِرُ ٱلذُّنُوبَ جَمِيعًا إِنَّهُۥ هُوَ ٱلْغَفُورُ ٱلرَّحِيمُ ﴿٥٣﴾ (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ मेरे (ईमानदार) बन्दों जिन्होने (गुनाह करके) अपनी जानों पर ज्यादतियाँ की हैं तुम लोग ख़ुदा की रहमत से नाउम्मीद न होना बेशक ख़ुदा (तुम्हारे) कुल गुनाहों को बख्श देगा वह बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है | ||