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BackThe Thunder - Ar-Ra'd

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سورة الرعد
(वही) बातिन (छुपे हुवे) व ज़ाहिर का जानने वाला (सब से) बड़ा और आलीशान है
तुम लोगों में जो कोई चुपके से बात कहे और जो शख़्श ज़ोर से पुकार के बोले और जो शख़्श रात की तारीक़ी (अंधेरे) में छुपा बैठा हो और जो शख़्श दिन दहाडें चला जा रहा हो
(उसके नज़दीक) सब बराबर हैं (आदमी किसी हालत में हो मगर) उस अकेले के लिए उसके आगे उसके पीछे उसके निगेहबान (फरिश्ते) मुक़र्रर हैं कि उसको हुक्म ख़ुदा से हिफाज़त करते हैं जो (नेअमत) किसी क़ौम को हासिल हो बेशक वह लोग खुद अपनी नफ्सानी हालत में तग्य्युर न डालें ख़ुदा हरगिज़ तग्य्युर नहीं डाला करता और जब ख़ुदा किसी क़ौम पर बुराई का इरादा करता है तो फिर उसका कोई टालने वाला नहीं और न उसका उसके सिवा कोई वाली और (सरपरस्त) है
वह वही तो है जो तुम्हें डराने और लालच देने के वास्ते बिजली की चमक दिखाता है और पानी से भरे बोझल बादलों को पैदा करता है
और ग़र्ज और फरिश्ते उसके ख़ौफ से उसकी हम्दो सना की तस्बीह किया करते हैं वही (आसमान से) बिजलियों को भेजता है फिर उसे जिस पर चाहता है गिरा भी देता है और ये लोग ख़ुदा के बारे में (ख्वामाख्वाह) झगड़े करते हैं हालॉकि वह बड़ा सख्त क़ूवत वाला है
(मुसीबत के वक्त) उसी का (पुकारना) ठीक पुकारना है और जो लोग उसे छोड़कर (दूसरों को) पुकारते हैं वह तो उनकी कुछ सुनते तक नहीं मगर जिस तरह कोई शख़्श (बग़ैर उंगलियां मिलाए) अपनी दोनों हथेलियाँ पानी की तरफ फैलाए ताकि पानी उसके मुँह में पहुँच जाए हालॉकि वह किसी तरह पहुँचने वाला नहीं और (इसी तरह) काफिरों की दुआ गुमराही में (पड़ी बहकी फिरा करती है)
और आसमानों और ज़मीन में (मख़लूक़ात से) जो कोई भी है खुशी से या ज़बरदस्ती सब (अल्लाह के आगे सर बसजूद हैं और (इसी तरह) उनके साए भी सुबह व शाम (सजदा करते हैं) (15) (सजदा)
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि (आख़िर) आसमान और ज़मीन का परवरदिगार कौन है (ये क्या जवाब देगें) तुम कह दो कि अल्लाह है (ये भी कह दो कि क्या तुमने उसके सिवा दूसरे कारसाज़ बना रखे हैं जो अपने लिए आप न तो नफे पर क़ाबू रखते हैं न ज़रर (नुकसान) पर (ये भी तो) पूछो कि भला (कहीं) अन्धा और ऑंखों वाला बराबर हो सकता है (हरगिज़ नहीं) (या कहीं) अंधेरा और उजाला बराबर हो सकता है (हरगिज़ नहीं) इन लोगों ने ख़ुदा के कुछ शरीक़ ठहरा रखे हैं क्या उन्होनें ख़ुदा ही की सी मख़लूक़ पैदा कर रखी है जिनके सबब मख़लूकात उन पर मुशतबा हो गई है (और उनकी खुदाई के क़ायल हो गए) तुम कह दो कि ख़ुदा ही हर चीज़ का पैदा करने वाला और वही यकता और सिपर (सब पर) ग़ालिब है