
The Rock - Al-Hijr
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سورة الحجر
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![]() | (ऐ रसूल) मेरे बन्दों को आगाह करो कि बेशक मै बड़ा बख्शने वाला मेहरबान हूँ मगर साथ ही इसके (ये भी याद रहे कि) बेशक मेरा अज़ाब भी बड़ा दर्दनाक अज़ाब है और उनको इबराहीम के मेहमान का हाल सुना दो कि जब ये इबराहीम के पास आए तो (पहले) उन्होंने सलाम किया इबराहीम ने (जवाब सलाम के बाद) कहा हमको तो तुम से डर मालूम होता है उन्होंने कहा आप मुत्तालिक़ ख़ौफ न कीजिए (क्योंकि) हम तो आप को एक (दाना व बीना) फरज़न्द (के पैदाइश) की खुशख़बरी देते हैं इब्राहिम ने कहा क्या मुझे ख़ुशख़बरी (बेटा होने की) देते हो जब मुझे बुढ़ापा छा गया तो फिर अब काहे की खुशख़बरी देते हो वह फरिश्ते बोले हमने आप को बिल्कुल ठीक खुशख़बरी दी है तो आप (बारगाह ख़ुदा बन्दी से) ना उम्मीद न हो इबराहीम ने कहा गुमराहों के सिवा और ऐसा कौन है जो अपने परवरदिगार की रहमत से ना उम्मीद हो | ![]() |
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