The Bee - An-Nahl
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سورة النحل
और ख़ुदा ही ने आसमान से पानी बरसाया तो उसके ज़रिए ज़मीन को मुर्दा होने के बाद ज़िन्दा (शादाब) (हरी भरी) किया क्या कुछ शक नहीं कि इसमें जो लोग बसते हैं उनके वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) बहुत बड़ी निशानी है और इसमें शक़ नहीं कि चौपायों में भी तुम्हारे लिए (इबरत की बात) है कि उनके पेट में ख़ाक, बला, गोबर और ख़ून (जो कुछ भरा है) उसमें से हमे तुमको ख़ालिस दूध पिलाते हैं जो पीने वालों के लिए खुशगवार है और इसी तरह खुरमें और अंगूर के फल से (हम तुमको शीरा पिलाते हैं) जिसकी (कभी तो) तुम शराब बना लिया करते हो और कभी अच्छी रोज़ी (सिरका वगैरह) इसमें शक नहीं कि इसमें भी समझदार लोगों के लिए (क़ुदरत ख़ुदा की) बड़ी निशानी है और (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार ने शहद की मक्खियों के दिल में ये बात डाली कि तू पहाड़ों और दरख्तों और ऊँची ऊँची ट्ट्टियाँ (और मकानात पाट कर) बनाते हैं उनमें अपने छत्ते बना फिर हर तरह के फलों (के पूर से) (उनका अर्क़) चूस कर फिर अपने परवरदिगार की राहों में ताबेदारी के साथ चली मक्खियों के पेट से पीने की एक चीज़ निकलती है (शहद) जिसके मुख्तलिफ रंग होते हैं इसमें लोगों (के बीमारियों) की शिफ़ा (भी) है इसमें शक़ नहीं कि इसमें ग़ौर व फ़िक्र करने वालों के वास्ते (क़ुदरते ख़ुदा की बहुत बड़ी निशानी है) और ख़ुदा ही ने तुमको पैदा किया फिर वही तुमको (दुनिया से) उठा लेगा और तुममें से बाज़ ऐसे भी हैं जो ज़लील ज़िन्दगी (सख्त बुढ़ापे) की तरफ लौटाए जाते हैं (बहुत कुछ) जानने के बाद (ऐसे सड़ीले हो गए कि) कुछ नहीं जान सके बेशक ख़ुदा (सब कुछ) जानता और (हर तरह की) कुदरत रखता है और ख़ुदा ही ने तुममें से बाज़ को बाज़ पर रिज़क (दौलत में) तरजीह दी है फिर जिन लोगों को रोज़ी ज्यादा दी गई है वह लोग अपनी रोज़ी में से उन लोगों को जिन पर उनका दस्तरस (इख्तेयार) है (लौन्डी ग़ुलाम वग़ैरह) देने वाला नहीं (हालॉकि इस माल में तो सब के सब मालिक गुलाम वग़ैरह) बराबर हैं तो क्या ये लोग ख़ुदा की नेअमत के मुन्किर हैं और ख़ुदा ही ने तुम्हारे लिए बीबियाँ तुम ही में से बनाई और उसी ने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी बीवियों से बेटे और पोते पैदा किए और तुम्हें पाक व पाकीज़ा रोज़ी खाने को दी तो क्या ये लोग बिल्कुल बातिल (सुल्तान बुत वग़ैरह) पर ईमान रखते हैं और ख़ुदा की नेअमत (वहदानियत वग़ैरह से) इन्कार करते हैं | ||