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سورة النحل
झूठ बोहतान तो बस वही लोग बॉधा करते हैं जो खुदा की आयतों पर ईमान नहीं रखतें
और हक़ीक़त अम्र ये है कि यही लोग झूठे हैं उस शख्स के सिवा जो (कलमाए कुफ्र) पर मजबूर किया जाए और उसका दिल ईमान की तरफ से मुतमइन हो जो शख्स भी ईमान लाने के बाद कुफ्र एख्तियार करे बल्कि खूब सीना कुशादा (जी खोलकर) कुफ्र करे तो उन पर ख़ुदा का ग़ज़ब है और उनके लिए बड़ा (सख्त) अज़ाब है
ये इस वजह से कि उन लोगों ने दुनिया की चन्द रोज़ा ज़िन्दगी को आख़िरत पर तरजीह दी और इस वजह से की ख़ुदा काफिरों को हरगिज़ मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता
ये वही लोग हैं जिनके दिलों पर और उनके कानों पर और उनकी ऑंखों पर खुदा ने अलामात मुक़र्रर कर दी है
(कि ईमान न लाएँगे) और यही लोग (इस सिरे के) बेखबर हैं कुछ शक़ नहीं कि यही लोग आख़िरत में भी यक़ीनन घाटा उठाने वाले हैं
फिर इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार उन लोगों को जिन्होने मुसीबत में मुब्तिला होने क बाद घर बार छोडे फ़िर (ख़ुदा की राह में) जिहाद किए और तकलीफों पर सब्र किया इसमें शक़ नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार इन सब बातों के बाद अलबत्ता बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
और (उस दिन को याद) करो जिस दिन हर शख़्श अपनी ज़ात के बारे में झगड़ने को आ मौजूद होगा
और हर शख़्श को जो कुछ भी उसने किया था उसका पूरा पूरा बदला मिलेगा और उन पर किसी तरह का जुल्म न किया जाएगा ख़ुदा ने एक गाँव की मसल बयान फरमाई जिसके रहने वाले हर तरह के चैन व इत्मेनान में थे हर तरफ से बाफराग़त (बहुत ज्यादा) उनकी रोज़ी उनके पास आई थी फिर उन लोगों ने ख़ुदा की नूअमतों की नाशुक्री की तो ख़ुदा ने उनकी करतूतों की बदौलत उनको मज़ा चखा दिया