Taa-Haa - Taa-Haa
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سورة طه
और उस वक्त मुझे मेरे नफ्स ने यही सुझाया मूसा ने कहा चल (दूर हो) तेरे लिए (इस दुनिया की) ज़िन्दगी में तो (ये सज़ा है) तू कहता फ़िरेगा कि मुझे न छूना (वरना बुख़ार चढ़ जाएगा) और (आख़िरत में भी) यक़ीनी तेरे लिए (अज़ाब का) वायदा है कि हरगिज़ तुझसे ख़िलाफ़ न किया जाएगा और तू अपने माबूद को तो देख जिस (की इबादत) पर तू डट बैठा था कि हम उसे यक़ीनन जलाकर (राख) कर डालेंगे फिर हम उसे तितिर बितिर करके दरिया में उड़ा देगें तुम्हारा माबूद तो बस वही ख़ुदा है जिसके सिवा कोई और माबूद बरहक़ नहीं कि उसका इल्म हर चीज़ पर छा गया है كَذَٰلِكَ نَقُصُّ عَلَيْكَ مِنْ أَنۢبَآءِ مَا قَدْ سَبَقَ وَقَدْ ءَاتَيْنَٰكَ مِن لَّدُنَّا ذِكْرًا ﴿٩٩﴾ (ऐ रसूल) हम तुम्हारे सामने यूँ वाक़ेयात बयान करते हैं जो गुज़र चुके और हमने ही तुम्हारे पास अपनी बारगाह से कुरान अता किया जिसने उससे मुँह फेरा वह क़यामत के दिन यक़ीनन (अपने बुरे आमाल का) बोझ उठाएगा और उसी हाल में हमेशा रहेंगे और क्या ही बुरा बोझ है क़यामत के दिन ये लोग उठाए होंगे जिस दिन सूर फूँका जाएगा और हम उस दिन गुनाहगारों को (उनकी) ऑंखें पुतली (अन्धी) करके (आमने-सामने) जमा करेंगे (और) आपस में चुपके-चुपके कहते होंगे कि (दुनिया या क़ब्र में) हम लोग (बहुत से बहुत) नौ दस दिन ठहरे होंगे نَّحْنُ أَعْلَمُ بِمَا يَقُولُونَ إِذْ يَقُولُ أَمْثَلُهُمْ طَرِيقَةً إِن لَّبِثْتُمْ إِلَّا يَوْمًا ﴿١٠٤﴾ जो कुछ ये लोग (उस दिन) कहेंगे हम खूब जानते हैं कि जो इनमें सबसे ज्यादा होशियार होगा बोल उठेगा कि तुम बस (बहुत से बहुत) एक दिन ठहरे होगे | ||