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سورة المؤمنون
और जो अपनी नमाज़ों की पाबन्दी करते हैं
(आदमी की औलाद में) यही लोग सच्चे वारिस है
जो बेहश्त बरी का हिस्सा लेंगे (और) यही लोग इसमें हमेशा (जिन्दा) रहेंगे
और हमने आदमी को गीली मिट्टी के जौहर से पैदा किया
फिर हमने उसको एक महफूज़ जगह (औरत के रहम में) नुत्फ़ा बना कर रखा
फिर हम ही ने नुतफ़े को जमा हुआ ख़ून बनाया फिर हम ही ने मुनजमिद खून को गोश्त का लोथड़ा बनाया हम ही ने लोथडे क़ी हड्डियाँ बनायीं फिर हम ही ने हड्डियों पर गोश्त चढ़ाया फिर हम ही ने उसको (रुह डालकर) एक दूसरी सूरत में पैदा किया तो (सुबहान अल्लाह) ख़ुदा बा बरकत है जो सब बनाने वालो से बेहतर है
फिर इसके बाद यक़ीनन तुम सब लोगों को (एक न एक दिन) मरना है
इसके बाद कयामत के दिन तुम सब के सब कब्रों से उठाए जाओगे