
The Poets - Ash-Shu'araa
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سورة الشعراء
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![]() | और तुम उस (ख़ुदा) पर जो सबसे (ग़ालिब और) मेहरबान है भरोसा रखो कि जब तुम (नमाजे तहज्जुद में) खड़े होते हो और सजदा करने वालों (की जमाअत) में तुम्हारा फिरना (उठना बैठना सजदा रुकूउ वगैरह सब) देखता है बेशक वह बड़ा सुनने वाला वाक़िफ़कार है क्या मै तुम्हें बता दूँ कि शयातीन किन लोगों पर नाज़िल हुआ करते हैं (लो सुनो) ये लोग झूठे बद किरदार पर नाज़िल हुआ करते हैं जो (फ़रिश्तों की बातों पर कान लगाए रहते हैं) कि कुछ सुन पाएँ हालाँकि उनमें के अक्सर तो (बिल्कुल) झूठे हैं और शायरों की पैरवी तो गुमराह लोग किया करते हैं | ![]() |
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