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سورة الشعراء
बेशक इसमे भी यक़ीनन बड़ी इबरत है और उनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे
और इसमें तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब मेहरबान है
(इसी तरह क़ौम) आद ने पैग़म्बरों को झुठलाया
जब उनके भाई हूद ने उनसे कहा कि तुम ख़ुदा से क्यों नही डरते
मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो
मै तो तुम से इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी उजरत तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है
तो क्या तुम ऊँची जगह पर बेकार यादगारे बनाते फिरते हो