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سورة الشعراء
(और दुआ की) परवरदिगार जो कुछ ये लोग करते है उससे मुझे और मेरे लड़कों को नजात दे
तो हमने उनको और उनके सब लड़कों को नजात दी
मगर (लूत की) बूढ़ी औरत कि वह पीछे रह गयी
(और हलाक हो गयी) फिर हमने उन लोगों को हलाक कर डाला
और उन पर हमने (पत्थरों का) मेंह बरसाया तो जिन लोगों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराया गया था
उन पर क्या बड़ी बारिश हुई इस वाक़िये में भी एक बड़ी इबरत है और इनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे
और इसमे तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन सब पर ग़ालिब (और) बड़ा मेहरबान है
इसी तरह जंगल के रहने वालों ने (मेरे) पैग़म्बरों को झुठलाया