The Poets - Ash-Shu'araa
Home > >
سورة الشعراء
और मूसा और उसके साथियों को हमने (डूबने से) बचा लिया फिर दूसरे फरीक़ (फिरऔन और उसके साथियों) को डुबोकर हलाक़ कर दिया बेशक इसमें यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और उनमें अक्सर ईमान लाने वाले ही न थे और इसमें तो शक ही न था कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन (सब पर) ग़ालिब और बड़ा मेहरबान है और (ऐ रसूल) उन लोगों के सामने इबराहीम का किस्सा बयान करों जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग किसकी इबादत करते हो तो वह बोले हम बुतों की इबादत करते हैं और उन्हीं के मुजाविर बन जाते हैं इबराहीम ने कहा भला जब तुम लोग उन्हें पुकारते हो तो वह तुम्हारी कुछ सुनते हैं | ||