
The Ant - An-Naml
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سورة النمل
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![]() | (ऐ रसूल इन से) कह दो कि जितने लोग आसमान व ज़मीन में हैं उनमे से कोई भी गैब की बात के सिवा नहीं जानता और वह भी तो नहीं समझते कि क़ब्र से दोबारा कब ज़िन्दा उठ खडे क़िए जाएँगें بَلِ ٱدَّٰرَكَ عِلْمُهُمْ فِى ٱلْءَاخِرَةِ بَلْ هُمْ فِى شَكٍّ مِّنْهَا بَلْ هُم مِّنْهَا عَمُونَ ﴿٦٦﴾ बल्कि (असल ये है कि) आख़िरत के बारे में उनके इल्म का ख़ात्मा हो गया है बल्कि उसकी तरफ से शक में पड़ें हैं बल्कि (सच ये है कि) इससे ये लोग अंधे बने हुए हैं और कुफ्फार कहने लगे कि क्या जब हम और हमारे बाप दादा (सड़ गल कर) मिट्टी हो जाएँगें तो क्या हम फिर निकाले जाएँगें उसका तो पहले भी हम से और हमारे बाप दादाओं से वायदा किया गया था (कहाँ का उठना और कैसी क़यामत) ये तो हो न हो अगले लोगों के ढकोसले हैं (ऐ रसूल) लोगों से कह दो कि रुए ज़मीन पर ज़रा चल फिर कर देखो तो गुनाहगारों का अन्जाम क्या हुआ (ऐ रसूल) तुम उनके हाल पर कुछ अफ़सोस न करो और जो चालें ये लोग (तुम्हारे ख़िलाफ) चल रहे हैं उससे तंग दिल न हो और ये (कुफ्फ़ार मुसलमानों से) पूछते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो (आख़िर) ये (क़यामत या अज़ाब का) वायदा कब पूरा होगा (ऐ रसूल) तुम कह दो कि जिस (अज़ाब) की तुम लोग जल्दी मचा रहे हो क्या अजब है इसमे से कुछ करीब आ गया हो | ![]() |
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