Quran Home

BackThe Ant - An-Naml

>


سورة النمل
ता सीन ये क़ुरान वाजेए व रौशन किताब की आयतें है
(ये) उन ईमानदारों के लिए (अज़सरतापा) हिदायत और (जन्नत की) ख़ुशखबरी है
जो नमाज़ को पाबन्दी से अदा करते हैं और ज़कात दिया करते हैं और यही लोग आख़िरत (क़यामत) का भी यक़ीन रखते हैं
इसमें शक नहीं कि जो लोग आखिरत पर ईमान नहीं रखते (गोया) हमने ख़ुद (उनकी कारस्तानियों को उनकी नज़र में) अच्छा कर दिखाया है
तो ये लोग भटकते फिरते हैं- यही वह लोग हैं जिनके लिए (क़यामत में) बड़ा अज़ाब है और यही लोग आख़िरत में सबसे ज्यादा घाटा उठाने वाले हैं
और (ऐ रसूल) तुमको तो क़ुरान एक बडे वाक़िफकार हकीम की बारगाह से अता किया जाता है
(वह वाक़िया याद दिलाओ) जब मूसा ने अपने लड़के बालों से कहा कि मैने (अपनी बायीं तरफ) आग देखी है (एक ज़रा ठहरो तो) मै वहाँ से कुछ (राह की) ख़बर लाँऊ या तुम्हें एक सुलगता हुआ आग का अंगारा ला दूँ ताकि तुम तापो
ग़रज़ जब मूसा इस आग के पास आए तो उनको आवाज़ आयी कि मुबारक है वह जो आग में (तजल्ली दिखाना) है और जो उसके गिर्द है और वह ख़ुदा सारे जहाँ का पालने वाला है