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BackThe Spider - Al-Ankaboot

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سورة العنكبوت
जिन लोगों ने ख़ुदा के सिवा दूसरे कारसाज़ बना रखे हैं उनकी मसल उस मकड़ी की सी है जिसने (अपने ख्याल नाक़िस में) एक घर बनाया और उसमें तो शक ही नहीं कि तमाम घरों से बोदा घर मकड़ी का होता है मगर ये लोग (इतना भी) जानते हो
ख़ुदा को छोड़कर ये लोग जिस चीज़ को पुकारते हैं उससे ख़ुदा यक़ीनी वाक़िफ है और वह तो (सब पर) ग़ालिब (और) हिकमत वाला है
और हम ये मिसाले लोगों के (समझाने) के वास्ते बयान करते हैं और उन को तो बस उलमा ही समझते हैं
ख़ुदा ने सारे आसमान और ज़मीन को बिल्कुल ठीक पैदा किया इसमें शक नहीं कि उसमें ईमानदारों के वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) यक़ीनी बड़ी निशानी है
(ऐ रसूल) जो किताब तुम्हारे पास नाज़िल की गयी है उसकी तिलावत करो और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ो बेशक नमाज़ बेहयाई और बुरे कामों से बाज़ रखती है और ख़ुदा की याद यक़ीनी बड़ा मरतबा रखती है और तुम लोग जो कुछ करते हो ख़ुदा उससे वाक़िफ है
और (ऐ ईमानदारों) अहले किताब से मनाज़िरा न किया करो मगर उमदा और शाएस्ता अलफाज़ व उनवान से लेकिन उनमें से जिन लोगों ने तुम पर ज़ुल्म किया (उनके साथ रिआयत न करो) और साफ साफ कह दो कि जो किताब हम पर नाज़िल हुई और जो किताब तुम पर नाज़िल हुई है हम तो सब पर ईमान ला चुके और हमारा माबूद और तुम्हारा माबूद एक ही है और हम उसी के फरमाबरदार है
और (ऐ रसूल जिस तरह अगले पैग़म्बरों पर किताबें उतारी) उसी तरह हमने तुम्हारे पास किताब नाज़िल की तो जिन लोगों को हमने (पहले) किताब अता की है वह उस पर भी ईमान रखते हैं और (अरबो) में से बाज़ वह हैं जो उस पर ईमान रखते हैं और हमारी आयतों के तो बस पक्के कट्टर काफिर ही मुनकिर है
और (ऐ रसूल) क़ुरान से पहले न तो तुम कोई किताब ही पढ़ते थे और न अपने हाथ से तुम लिखा करते थे ऐसा होता तो ये झूठे ज़रुर (तुम्हारी नबुवत में) शक करते