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BackThe Cow - Al-Baqara

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سورة البقرة
और जो (कुरान) मैंने नाज़िल किया वह उस किताब (तौरेत) की (भी) तसदीक़ करता हूँ जो तुम्हारे पास है और तुम सबसे चले उसके इन्कार पर मौजूद न हो जाओ और मेरी आयतों के बदले थोड़ी क़ीमत (दुनयावी फायदा) न लो और मुझ ही से डरते रहो
और हक़ को बातिल के साथ न मिलाओ और हक़ बात को न छिपाओ हालाँकि तुम जानते हो और पाबन्दी से नमाज़ अदा करो
और ज़कात दिया करो और जो लोग (हमारे सामने) इबादत के लिए झुकते हैं उनके साथ तुम भी झुका करो
और तुम लोगों से नेकी करने को कहते हो और अपनी ख़बर नहीं लेते हालाँकि तुम किताबे खुदा को (बराबर) रटा करते हो तो तुम क्या इतना भी नहीं समझते
और (मुसीबत के वक्त) सब्र और नमाज़ का सहारा पकड़ो और अलबत्ता नमाज़ दूभर तो है मगर उन ख़ाक़सारों पर (नहीं) जो बख़ूबी जानते हैं
कि वह अपने परवरदिगार की बारगाह में हाज़िर होंगे और ज़रूर उसकी तरफ लौट जाएँगे
ऐ बनी इसराइल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंने पहले तुम्हें दी और ये (भी तो सोचो) कि हमने तुमको सारे जहान के लोगों से बढ़ा दिया
और उस दिन से डरो (जिस दिन) कोई शख्स किसी की तरफ से न फिदिया हो सकेगा और न उसकी तरफ से कोई सिफारिश मानी जाएगी और न उसका कोई मुआवज़ा लिया जाएगा और न वह मदद पहुँचाए जाएँगे