Quran Home

BackThe Romans - Ar-Room

>


سورة الروم
फिर जिस वक्त तुम लोगों की शाम हो और जिस वक्त तुम्हारी सुबह हो ख़ुदा की पाकीज़गी ज़ाहिर करो
और सारे आसमान व ज़मीन में तीसरे पहर को और जिस वक्त तुम लोगों की दोपहर हो जाए वही क़ाबिले तारीफ़ है
वही ज़िन्दा को मुर्दे से निकालता है और वही मुर्दे को जिन्दा से पैदा करता है और ज़मीन को मरने (परती होने) के बाद ज़िन्दा (आबाद) करता है और इसी तरह तुम लोग भी (मरने के बाद निकाले जाओगे)
और उस (की कुदरत) की निशानियों में ये भी है कि उसने तुमको मिट्टी से पैदा किया फिर यकायक तुम आदमी बनकर (ज़मीन पर) चलने फिरने लगे
और उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये (भी) है कि उसने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी ही जिन्स की बीवियाँ पैदा की ताकि तुम उनके साथ रहकर चैन करो और तुम लोगों के दरमेयान प्यार और उलफ़त पैदा कर दी इसमें शक नहीं कि इसमें ग़ौर करने वालों के वास्ते (क़ुदरते ख़ुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं
और उस (की कुदरत) की निशानियों में आसमानो और ज़मीन का पैदा करना और तुम्हारी ज़बानो और रंगतो का एख़तेलाफ भी है यकीनन इसमें वाक़िफकारों के लिए बहुत सी निशानियाँ हैं
और रात और दिन को तुम्हारा सोना और उसके फज़ल व करम (रोज़ी) की तलाश करना भी उसकी (क़ुदरत की) निशानियों से है बेशक जो लोग सुनते हैं उनके लिए इसमें (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
और उसी की (क़ुदरत की) निशानियों में से एक ये भी है कि वह तुमको डराने वाला उम्मीद लाने के वास्ते बिजली दिखाता है और आसमान से पानी बरसाता है और उसके ज़रिए से ज़मीन को उसके परती होने के बाद आबाद करता है बेशक अक्लमंदों के वास्ते इसमें (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी दलीलें हैं