Those drawn up in Ranks - As-Saaffaat
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سورة الصافات
और अगर मेरे परवरदिगार का एहसान न होता तो मैं भी (इस वक्त) तेरी तरह जहन्नुम में गिरफ्तार किया गया होता (अब बताओ) क्या (मैं तुम से न कहता था) कि हम को इस पहली मौत के सिवा फिर मरना नहीं है और न हम पर (आख़ेरत) में अज़ाब होगा (तो तुम्हें यक़ीन न होता था) ये यक़ीनी बहुत बड़ी कामयाबी है ऐसी (ही कामयाबी) के वास्ते काम करने वालों को कारगुज़ारी करनी चाहिए भला मेहमानी के वास्ते ये (सामान) बेहतर है या थोहड़ का दरख्त (जो जहन्नुमियों के वास्ते होगा) जिसे हमने यक़ीनन ज़ालिमों की आज़माइश के लिए बनाया है ये वह दरख्त हैं जो जहन्नुम की तह में उगता है | ||