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BackThose drawn up in Ranks - As-Saaffaat

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سورة الصافات
तो हम भी खुदा के निरे खरे बन्दे ज़रूर हो जाते
(मगर जब किताब आयी) तो उन लोगों ने उससे इन्कार किया ख़ैर अनक़रीब (उसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा
और अपने ख़ास बन्दों पैग़म्बरों से हमारी बात पक्की हो चुकी है
कि इन लोगों की (हमारी बारगाह से) यक़ीनी मदद की जाएगी
और हमारा लश्कर तो यक़ीनन ग़ालिब रहेगा
तो (ऐ रसूल) तुम उनसे एक ख़ास वक्त तक मुँह फेरे रहो
और इनको देखते रहो तो ये लोग अनक़रीब ही (अपना नतीजा) देख लेगे
तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं