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BackThe letter Saad - Saad

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سورة ص
ये एक नसीहत है और इसमें शक नहीं कि परहेज़गारों के लिए (आख़ेरत में) यक़ीनी अच्छी आरामगाह है
(यानि) हमेशा रहने के (बेहिश्त के) सदाबहार बाग़ात जिनके दरवाज़े उनके लिए (बराबर) खुले होगें
और ये लोग वहाँ तकिये लगाए हुए (चैन से बैठे) होगें वहाँ (खुद्दामे बेहिश्त से) कसरत से मेवे और शराब मँगवाएँगे
और उनके पहलू में नीची नज़रों वाली (शरमीली) कमसिन बीवियाँ होगी
(मोमिनों) ये वह चीज़ हैं जिनका हिसाब के दिन (क़यामत) के लिए तुमसे वायदा किया जाता है
बेशक ये हमारी (दी हुई) रोज़ी है जो कभी तमाम न होगी
ये परहेज़गारों का (अन्जाम) है और सरकशों का तो यक़ीनी बुरा ठिकाना है
जहन्नुम जिसमें उनको जाना पड़ेगा तो वह क्या बुरा ठिकाना है