Quran Home

BackThe letter Saad - Saad

>


سورة ص
(इस वजह से ये शरारत है) (ऐ रसूल) तुम्हारे ज़बरदस्त फ़य्याज़ परवरदिगार के रहमत के ख़ज़ाने इनके पास हैं
या सारे आसमान व ज़मीन और उन दोनों के दरमियान की सलतनत इन्हीं की ख़ास है तब इनको चाहिए कि रास्ते या सीढियाँ लगाकर (आसमान पर) चढ़ जाएँ और इन्तेज़ाम करें
(ऐ रसूल उन पैग़म्बरों के साथ झगड़ने वाले) गिरोहों में से यहाँ तुम्हारे मुक़ाबले में भी एक लशकर है जो शिकस्त खाएगा
उनसे पहले नूह की क़ौम और आद और फिरऔन मेंख़ों वाला
और समूद और लूत की क़ौम और जंगल के रहने वाले (क़ौम शुऐब ये सब पैग़म्बरों को) झुठला चुकी हैं यही वह गिरोह है
(जो शिकस्त खा चुके) सब ही ने तो पैग़म्बरों को झुठलाया तो हमारा अज़ाब ठीक आ नाज़िल हुआ
और ये (काफिर) लोग बस एक चिंघाड़ (सूर के मुन्तज़िर हैं जो फिर उन्हें) चश्में ज़दन की मोहलत न देगी
और ये लोग (मज़ाक से) कहते हैं कि परवरदिगार हिसाब के दिन (क़यामत के) क़ब्ल ही (जो) हमारी क़िस्मत को लिखा (हो) हमें जल्दी दे दे