
Ornaments of gold - Az-Zukhruf
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سورة الزخرف
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![]() | فَٱخْتَلَفَ ٱلْأَحْزَابُ مِنۢ بَيْنِهِمْ فَوَيْلٌ لِّلَّذِينَ ظَلَمُوا۟ مِنْ عَذَابِ يَوْمٍ أَلِيمٍ ﴿٦٥﴾ तो इनमें से कई फिरक़े उनसे एख्तेलाफ करने लगे तो जिन लोगों ने ज़ुल्म किया उन पर दर्दनांक दिन के अज़ब से अफ़सोस है क्या ये लोग बस क़यामत के ही मुन्ज़िर बैठे हैं कि अचानक ही उन पर आ जाए और उन को ख़बर तक न हो (दिली) दोस्त इस दिन (बाहम) एक दूसरे के दुशमन होगें मगर परहेज़गार कि वह दोस्त ही रहेगें और ख़ुदा उनसे कहेगा ऐ मेरे बन्दों आज न तो तुमको कोई ख़ौफ है और न तुम ग़मग़ीन होगे (यह) वह लोग हैं जो हमारी आयतों पर ईमान लाए और (हमारे) फ़रमाबरदार थे तो तुम अपनी बीवियों समैत एजाज़ व इकराम से बेहिश्त में दाखिल हो जाओ उन पर सोने की एक रिक़ाबियों और प्यालियों का दौर चलेगा और वहाँ जिस चीज़ को जी चाहे और जिससे ऑंखें लज्ज़त उठाएं (सब मौजूद हैं) और तुम उसमें हमेशा रहोगे और ये जन्नत जिसके तुम वारिस (हिस्सेदार) कर दिये गये हो तुम्हारी क़ारगुज़ारियों का सिला है | ![]() |
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