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سورة الزخرف
حمٓ ﴿١﴾
हा मीम
रौशन किताब (क़ुरान) की क़सम
हमने इस किताब को अरबी ज़बान कुरान ज़रूर बनाया है ताकि तुम समझो
और बेशक ये (क़ुरान) असली किताब (लौह महफूज़) में (भी जो) मेरे पास है लिखी हुई है (और) यक़ीनन बड़े रूतबे की (और) पुरअज़ हिकमत है
भला इस वजह से कि तुम ज्यादती करने वाले लोग हो हम तुमको नसीहत करने से मुँह मोड़ेंगे (हरगिज़ नहीं)
और हमने अगले लोगों को बहुत से पैग़म्बर भेजे थे
और कोई पैग़म्बर उनके पास ऐसा नहीं आया जिससे इन लोगों ने ठट्ठे नहीं किए हो
तो उनमें से जो ज्यादा ज़ोरावर थे तो उनको हमने हलाक कर मारा और (दुनिया में) अगलों के अफ़साने जारी हो गए