The Inner Apartments - Al-Hujuraat
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سورة الحجرات
(ऐ रसूल) तुम पर ये लोग (इसलाम लाने का) एहसान जताते हैं तुम (साफ़) कह दो कि तुम अपने इसलाम का मुझ पर एहसान न जताओ (बल्कि) अगर तुम (दावाए ईमान में) सच्चे हो तो समझो कि, ख़ुदा ने तुम पर एहसान किया कि उसने तुमको ईमान का रास्ता दिखाया बेशक ख़ुदा तो सारे आसमानों और ज़मीन की छिपी हुई बातों को जानता है और जो तुम करते हो ख़ुदा उसे देख रहा है | ||