
The Star - An-Najm
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سورة النجم
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![]() | (उस वक्त भी) उनकी ऑंख न तो और तरफ़ माएल हुई और न हद से आगे बढ़ी और उन्होने यक़ीनन अपने परवरदिगार (की क़ुदरत) की बड़ी बड़ी निशानियाँ देखीं तो भला तुम लोगों ने लात व उज्ज़ा और तीसरे पिछले मनात को देखा (भला ये ख़ुदा हो सकते हैं) क्या तुम्हारे तो बेटे हैं और उसके लिए बेटियाँ ये तो बहुत बेइन्साफ़ी की तक़सीम है ये तो बस सिर्फ नाम ही नाम है जो तुमने और तुम्हारे बाप दादाओं ने गढ़ लिए हैं, ख़ुदा ने तो इसकी कोई सनद नाज़िल नहीं की ये लोग तो बस अटकल और अपनी नफ़सानी ख्वाहिश के पीछे चल रहे हैं हालॉकि उनके पास उनके परवरदिगार की तरफ से हिदायत भी आ चुकी है क्या जिस चीज़ की इन्सान तमन्ना करे वह उसे ज़रूर मिलती है | ![]() |
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