
The Star - An-Najm
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سورة النجم
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![]() | तारे की क़सम जब टूटा कि तुम्हारे रफ़ीक़ (मोहम्मद) न गुमराह हुए और न बहके और वह तो अपनी नफ़सियानी ख्वाहिश से कुछ भी नहीं कहते ये तो बस वही है जो भेजी जाती है इनको निहायत ताक़तवर (फ़रिश्ते जिबरील) ने तालीम दी है जो बड़ा ज़बरदस्त है और जब ये (आसमान के) ऊँचे (मुशरक़ो) किनारे पर था तो वह अपनी (असली सूरत में) सीधा खड़ा हुआ फिर करीब हो (और आगे) बढ़ा (फिर जिबरील व मोहम्मद में) दो कमान का फ़ासला रह गया | ![]() |
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