The Reality - Al-Haaqqa
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سورة الحاقة
(क्यों कि) ये न तो बुज़ुर्ग ख़ुदा ही पर ईमान लाता था और न मोहताज के खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था तो आज न उसका कोई ग़मख्वार है और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है जिसको गुनेहगारों के सिवा कोई नहीं खाएगा तो मुझे उन चीज़ों की क़सम है जो तुम्हें दिखाई देती हैं और जो तुम्हें नहीं सुझाई देती कि बेशक ये (क़ुरान) एक मोअज़िज़ फरिश्ते का लाया हुआ पैग़ाम है | ||