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BackThe Cattle - Al-An'aam

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سورة الأنعام
तो उनको और उनकी इफ़तेरा परदाज़ियों को छोड़ दो और ये (ये सरग़ोशियाँ इसलिए थीं) ताकि जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं लाए उनके दिल उन (की शरारत) की तरफ मायल (ख्ािंच) हो जाएँ और उन्हें पसन्द करें
और ताकि जो लोग इफ़तेरा परदाज़ियाँ ये लोग ख़ुद करते हैं वह भी करने लगें (क्या तुम ये चाहते हो कि) मैं ख़ुदा को छोड़ कर किसी और को सालिस तलाश करुँ हालॉकि वह वही ख़ुदा है जिसने तुम्हारे पास वाज़ेए किताब नाज़िल की और जिन लोगों को हमने किताब अता फरमाई है वह यक़ीनी तौर पर जानते हैं कि ये (कुरान भी) तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से बरहक़ नाज़िल किया गया है
तो तुम (कहीं) शक़ करने वालों से न हो जाना और सच्चाई और इन्साफ में तो तुम्हारे परवरदिगार की बात पूरी हो गई कोई उसकी बातों का बदलने वाला नहीं और वही बड़ा सुनने वाला वाक़िफकार है
और (ऐ रसूल) दुनिया में तो बहुतेरे लोग ऐसे हैं कि तुम उनके कहने पर चलो तो तुमको ख़ुदा की राह से बहका दें ये लोग तो सिर्फ अपने ख्यालात की पैरवी करते हैं और ये लोग तो बस अटकल पच्चू बातें किया करते हैं
(तो तुम क्या जानों) जो लोग उसकी राह से बहके हुए हैं उनको (कुछ) ख़ुदा ही ख़ूब जानता है और वह तो हिदायत याफ्ता लोगों से भी ख़ूब वाक़िफ है
तो अगर तुम उसकी आयतों पर ईमान रखते हो तो जिस ज़ीबह पर (वक्ते ़ज़िबाह) ख़ुदा का नाम लिया गया हो उसी को खाओ
और तुम्हें क्या हो गया है कि जिस पर ख़ुदा का नाम लिया गया हो उसमें नहीं खाते हो हालॉकि जो चीज़ें उसने तुम पर हराम कर दीं हैं वह तुमसे तफसीलन बयान कर दीं हैं मगर (हाँ) जब तुम मजबूर हो तो अलबत्ता (हराम भी खा सकते हो) और बहुतेरे तो (ख्वाहमख्वाह) अपनी नफसानी ख्वाहिशों से बे समझे बूझे (लोगों को) बहका देते हैं और तुम्हारा परवरदिगार तो हक़ से तजाविज़ करने वालों से ख़ूब वाक़िफ है
(ऐ लोगों) ज़ाहिरी और बातिनी गुनाह (दोनों) को (बिल्कुल) छोड़ दो जो लोग गुनाह करते हैं उन्हें अपने आमाल का अनक़रीब ही बदला दिया जाएगा