
The Resurrection - Al-Qiyaama
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سورة القيامة
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![]() | उसका जमा कर देना और पढ़वा देना तो यक़ीनी हमारे ज़िम्मे है तो जब हम उसको (जिबरील की ज़बानी) पढ़ें तो तुम भी (पूरा) सुनने के बाद इसी तरह पढ़ा करो फिर उस (के मुश्किलात का समझा देना भी हमारे ज़िम्में है) मगर (लोगों) हक़ तो ये है कि तुम लोग दुनिया को दोस्त रखते हो और आख़ेरत को छोड़े बैठे हो उस रोज़ बहुत से चेहरे तो तरो ताज़ा बशबाब होंगे (और) अपने परवरदिगार (की नेअमत) को देख रहे होंगे और बहुतेरे मुँह उस दिन उदास होंगे | ![]() |
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