
Man - Al-Insaan
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سورة الانسان
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![]() | सुबह शाम अपने परवरदिगार का नाम लेते रहो और कुछ रात गए उसका सजदा करो और बड़ी रात तक उसकी तस्बीह करते रहो ये लोग यक़ीनन दुनिया को पसन्द करते हैं और बड़े भारी दिन को अपने पसे पुश्त छोड़ बैठे हैं نَّحْنُ خَلَقْنَٰهُمْ وَشَدَدْنَآ أَسْرَهُمْ وَإِذَا شِئْنَا بَدَّلْنَآ أَمْثَٰلَهُمْ تَبْدِيلًا ﴿٢٨﴾ हमने उनको पैदा किया और उनके आज़ा को मज़बूत बनाया और अगर हम चाहें तो उनके बदले उन्हीं के जैसे लोग ले आएँ बेशक ये कुरान सरासर नसीहत है तो जो शख़्श चाहे अपने परवरदिगार की राह ले और जब तक ख़ुदा को मंज़ूर न हो तुम लोग कुछ भी चाह नहीं सकते बेशक ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार दाना है जिसको चाहे अपनी रहमत में दाख़िल कर ले और ज़ालिमों के वास्ते उसने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है | ![]() |
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