
The Emissaries - Al-Mursalaat
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سورة المرسلات
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![]() | क्या हमने ज़मीन को ज़िन्दों और मुर्दों को समेटने वाली नहीं बनाया और उसमें ऊँचे ऊँचे अटल पहाड़ रख दिए और तुम लोगों को मीठा पानी पिलाया उस दिन झुठलाने वालों की ख़राबी है जिस चीज़ को तुम झुठलाया करते थे अब उसकी तरफ़ चलो (धुएँ के) साये की तरफ़ चलो जिसके तीन हिस्से हैं जिसमें न ठन्डक है और न जहन्नुम की लपक से बचाएगा उससे इतने बड़े बड़े अंगारे बरसते होंगे जैसे महल | ![]() |
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