
The Emissaries - Al-Mursalaat
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سورة المرسلات
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![]() | बेशक परहेज़गार लोग (दरख्तों की) घनी छाँव में होंगे और चश्मों और आदमियों में जो उन्हें मरग़ूब हो (दुनिया में) जो अमल करते थे उसके बदले में मज़े से खाओ पियो मुबारक हम नेकोकारों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं उस दिन झुठलाने वालों की ख़राबी है (झुठलाने वालों) चन्द दिन चैन से खा पी लो तुम बेशक गुनेहगार हो उस दिन झुठलाने वालों की मिट्टी ख़राब है और जब उनसे कहा जाता है कि रूकूउ करों तो रूकूउ नहीं करते | ![]() |
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