
Those who drag forth - An-Naazi'aat
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سورة النازعات
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![]() | उनकी ऑंखें (निदामत से) झुकी हुई होंगी कुफ्फ़ार कहते हैं कि क्या हम उलटे पाँव (ज़िन्दगी की तरफ़) फिर लौटेंगे क्या जब हम खोखल हड्डियाँ हो जाएँगे कहते हैं कि ये लौटना तो बड़ा नुक़सान देह है वह (क़यामत) तो (गोया) बस एक सख्त चीख़ होगी और लोग शक़ बारगी एक मैदान (हश्र) में मौजूद होंगे (ऐ रसूल) क्या तुम्हारे पास मूसा का किस्सा भी पहुँचा है जब उनको परवरदिगार ने तूवा के मैदान में पुकारा | ![]() |
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