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BackThe Heights - Al-A'raaf

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سورة الأعراف
क्या उन लोगों ने आसमान व ज़मीन की हुकूमत और ख़ुदा की पैदा की हुई चीज़ों में ग़ौर नहीं किया और न इस बात में कि यायद उनकी मौत क़रीब आ गई हो फिर इतना समझाने के बाद (भला) किस बात पर ईमान लाएंगें
जिसे ख़ुदा गुमराही में छोड़ दे फिर उसका कोई राहबर नहीं और उन्हीं की सरकशी (व शरारत) में छोड़ देगा कि सरगरदॉ रहें
(ऐ रसूल) तुमसे लोग क़यामत के बारे में पूछा करते हैं कि कहीं उसका कोई वक्त भी तय है तुम कह दो कि उसका इल्म बस फक़त पररवदिगार ही को है वही उसके वक्त मुअय्यन पर उसको ज़ाहिर कर देगा। वह सारे आसमान व ज़मीन में एक कठिन वक्त होगा वह तुम्हारे पास पस अचानक आ जाएगी तुमसे लोग इस तरह पूछते हैं गोया तुम उनसे बखूबी वाक़िफ हो तुम (साफ) कह दो कि उसका इल्म बस ख़ुदा ही को है मगर बहुतेरे लोग नहीं जानते
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मै ख़ुद अपना आप तो एख़तियार रखता ही नहीं न नफे क़ा न ज़रर का मगर बस वही ख़ुदा जो चाहे और अगर (बग़ैर ख़ुदा के बताए) गैब को जानता होता तो यक़ीनन मै अपना बहुत सा फ़ायदा कर लेता और मुझे कभी कोई तकलीफ़ भी न पहुँचती मै तो सिर्फ ईमानदारों को (अज़ाब से डराने वाला) और वेहशत की खुशख़बरी देने वाला हँ
वह ख़ुदा ही तो है जिसने तुमको एक शख़्श (आदम) से पैदा किया और उसकी बची हुई मिट्टी से उसका जोड़ा भी बना डाला ताकि उसके साथ रहे सहे फिर जब इन्सान अपनी बीबी से हम बिस्तरी करता है तो बीबी एक हलके से हमल से हमला हो जाती है फिर उसे लिए चलती फिरती है फिर जब वह (ज्यादा दिन होने से बोझल हो जाती है तो दोनो (मिया बीबी) अपने परवरदिगार ख़ुदा से दुआ करने लगे कि अगर तो हमें नेक फरज़न्द अता फरमा तो हम ज़रूर तेरे शुक्रगुज़ार होगें
फिर जब ख़ुदा ने उनको नेक (फरज़न्द) अता फ़रमा दिया तो जो (औलाद) ख़ुदा ने उन्हें अता किया था लगे उसमें ख़ुदा का शरीक बनाने तो ख़ुदा (की शान) शिर्क से बहुत ऊँची है
क्या वह लोग ख़ुदा का शरीक ऐसों को बनाते हैं जो कुछ भी पैदा नहीं कर सकते बल्कि वह ख़ुद (ख़ुदा के) पैदा किए हुए हैं
और न उनकी मदद की कुदरत रखते हैं और न आप अपनी मदद कर सकते हैं