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سورة عبس
कि हम ही ने (बादल) से पानी बरसाया
फिर हम ही ने ज़मीन (दरख्त उगाकर) चीरी फाड़ी
फिर हमने उसमें अनाज उगाया
और अंगूर और तरकारियाँ
और ज़ैतून और खजूरें
और घने घने बाग़ और मेवे
और चारा (ये सब कुछ) तुम्हारे और तुम्हारे
चारपायों के फायदे के लिए (बनाया)