He frowned - Abasa
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سورة عبس
कि हम ही ने (बादल) से पानी बरसाया फिर हम ही ने ज़मीन (दरख्त उगाकर) चीरी फाड़ी फिर हमने उसमें अनाज उगाया وَعِنَبًا وَقَضْبًا ﴿٢٨﴾ और अंगूर और तरकारियाँ और ज़ैतून और खजूरें وَحَدَآئِقَ غُلْبًا ﴿٣٠﴾ और घने घने बाग़ और मेवे وَفَٰكِهَةً وَأَبًّا ﴿٣١﴾ और चारा (ये सब कुछ) तुम्हारे और तुम्हारे चारपायों के फायदे के लिए (बनाया) | ||