Quran Home

BackThe Dawn - Al-Fajr

>


سورة الفجر
और समूद के साथ (क्या किया) जो वादी (क़रा) में पत्थर तराश कर घर बनाते थे
और फिरऔन के साथ (क्या किया) जो (सज़ा के लिए) मेख़े रखता था
ये लोग मुख़तलिफ़ शहरों में सरकश हो रहे थे
और उनमें बहुत से फ़साद फैला रखे थे
तो तुम्हारे परवरदिगार ने उन पर अज़ाब का कोड़ा लगाया
बेशक तुम्हारा परवरदिगार ताक में है
लेकिन इन्सान जब उसको उसका परवरदिगार (इस तरह) आज़माता है कि उसको इज्ज़त व नेअमत देता है, तो कहता है कि मेरे परवरदिगार ने मुझे इज्ज़त दी है
मगर जब उसको (इस तरह) आज़माता है कि उस पर रोज़ी को तंग कर देता है बोल उठता है कि मेरे परवरदिगार ने मुझे ज़लील किया