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BackThe Power, Fate - Al-Qadr

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سورة القدر
हमने (इस कुरान) को शबे क़द्र में नाज़िल (करना शुरू) किया
और तुमको क्या मालूम शबे क़द्र क्या है
शबे क़द्र (मरतबा और अमल में) हज़ार महीनो से बेहतर है
इस (रात) में फ़रिश्ते और जिबरील (साल भर की) हर बात का हुक्म लेकर अपने परवरदिगार के हुक्म से नाज़िल होते हैं
ये रात सुबह के तुलूअ होने तक (अज़सरतापा) सलामती है