Surat Yunus (Jonas) - يونس
Home > > >
10:26 لِّلَّذِينَ أَحْسَنُوا۟ ٱلْحُسْنَىٰ وَزِيَادَةٌ وَلَا يَرْهَقُ وُجُوهَهُمْ قَتَرٌ وَلَا ذِلَّةٌ أُو۟لَٰٓئِكَ أَصْحَٰبُ ٱلْجَنَّةِ هُمْ فِيهَا خَٰلِدُونَ ﴿٢٦﴾ وَٱلَّذِينَ كَسَبُوا۟ ٱلسَّيِّـَٔاتِ جَزَآءُ سَيِّئَةٍۭ بِمِثْلِهَا وَتَرْهَقُهُمْ ذِلَّةٌ مَّا لَهُم مِّنَ ٱللَّهِ مِنْ عَاصِمٍ كَأَنَّمَآ أُغْشِيَتْ وُجُوهُهُمْ قِطَعًا مِّنَ ٱلَّيْلِ مُظْلِمًا أُو۟لَٰٓئِكَ أَصْحَٰبُ ٱلنَّارِ هُمْ فِيهَا خَٰلِدُونَ﴿٢٧﴾ जिन लोगों ने दुनिया में भलाई की उनके लिए (आख़िरत में भी) भलाई है (बल्कि) और कुछ बढ़कर और न (गुनेहगारों की तरह) उनके चेहरों पर कालिक लगी हुई होगी और न (उन्हें ज़िल्लत होगी यही लोग जन्नती हैं कि उसमें हमेशा रहा सहा करेंगे और जिन लोगों ने बुरे काम किए हैं तो गुनाह की सज़ा उसके बराबर है और उन पर रुसवाई छाई होगी ख़ुदा (के अज़ाब) से उनका कोई बचाने वाला न होगा (उनके मुह ऐसे काले होंगे) गोया उनके चेहरे यबों यज़ूर (अंधेरी रात) के टुकड़े से ढक दिए गए हैं यही लोग जहन्नुमी हैं कि ये उसमें हमेशा रहेंगे | ||