Surat Al-Maa'un (Almsgiving) - الماعون
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107:2 فَذَٰلِكَ ٱلَّذِى يَدُعُّ ٱلْيَتِيمَ ﴿٢﴾ وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ ٱلْمِسْكِينِ﴿٣﴾ ये तो वही (कम्बख्त) है जो यतीम को धक्के देता है और मोहताजों को खिलाने के लिए (लोगों को) आमादा नहीं करता | ||