Surat Hud (Hud) - هود
Home > > >
11:12 فَلَعَلَّكَ تَارِكٌۢ بَعْضَ مَا يُوحَىٰٓ إِلَيْكَ وَضَآئِقٌۢ بِهِۦ صَدْرُكَ أَن يَقُولُوا۟ لَوْلَآ أُنزِلَ عَلَيْهِ كَنزٌ أَوْ جَآءَ مَعَهُۥ مَلَكٌ إِنَّمَآ أَنتَ نَذِيرٌ وَٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ وَكِيلٌ ﴿١٢﴾ तो जो चीज़ तुम्हारे पास 'वही' के ज़रिए से भेजी है उनमें से बाज़ को (सुनाने के वक्त) यायद तुम फक़त इस ख्याल से छोड़ देने वाले हो और तुम तंग दिल हो कि मुबादा ये लोग कह बैंठें कि उन पर खज़ाना क्यों नहीं नाज़िल किया गया या (उनके तसदीक के लिए) उनके साथ कोई फरिश्ता क्यों न आया तो तुम सिर्फ (अज़ाब से) डराने वाले हो | ||