Surat Hud (Hud) - هود
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11:58 وَلَمَّا جَآءَ أَمْرُنَا نَجَّيْنَا هُودًا وَٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ مَعَهُۥ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَنَجَّيْنَٰهُم مِّنْ عَذَابٍ غَلِيظٍ ﴿٥٨﴾ وَتِلْكَ عَادٌ جَحَدُوا۟ بِـَٔايَٰتِ رَبِّهِمْ وَعَصَوْا۟ رُسُلَهُۥ وَٱتَّبَعُوٓا۟ أَمْرَ كُلِّ جَبَّارٍ عَنِيدٍ﴿٥٩﴾ और जब हमारा (अज़ाब का) हुक्म आ पहुँचा तो हमने हूद को और जो लोग उसके साथ ईमान लाए थे अपनी मेहरबानी से नजात दिया और उन सबको सख्त अज़ाब से बचा लिया (ऐ रसूल) ये हालात क़ौमे आद के हैं जिन्होंने अपने परवरदिगार की आयतों से इन्कार किया और उसके पैग़म्बरों की नाफ़रमानी की और हर सरकश (दुश्मने ख़ुदा) के हुक्म पर चलते रहें | ||