Surat Al-Masad (The Palm Fibre) - المسد
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111:1 بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ تَبَّتْ يَدَآ أَبِى لَهَبٍ وَتَبَّ ﴿١﴾ مَآ أَغْنَىٰ عَنْهُ مَالُهُۥ وَمَا كَسَبَ﴿٢﴾ سَيَصْلَىٰ نَارًا ذَاتَ لَهَبٍ﴿٣﴾ وَٱمْرَأَتُهُۥ حَمَّالَةَ ٱلْحَطَبِ﴿٤﴾ فِى جِيدِهَا حَبْلٌ مِّن مَّسَدٍۭ﴿٥﴾ अबु लहब के हाथ टूट जाएँ और वह ख़ुद सत्यानास हो जाए (आख़िर) न उसका माल ही उसके हाथ आया और (न) उसने कमाया वह बहुत भड़कती हुई आग में दाख़िल होगा और उसकी जोरू भी जो सर पर ईंधन उठाए फिरती है और उसके गले में बटी हुई रस्सी बँधी है | ||