Surat Yusuf (Joseph) - يوسف
Home > > >
12:53 وَمَآ أُبَرِّئُ نَفْسِىٓ إِنَّ ٱلنَّفْسَ لَأَمَّارَةٌۢ بِٱلسُّوٓءِ إِلَّا مَا رَحِمَ رَبِّىٓ إِنَّ رَبِّى غَفُورٌ رَّحِيمٌ ﴿٥٣﴾ और (यूं तो) मै भी अपने नफ्स को गुनाहो से बे लौस नहीं कहता हूँ क्योंकि (मैं भी बशर हूँ और नफ्स बराबर बुराई की तरफ उभारता ही है मगर जिस पर मेरा परवरदिगार रहम फरमाए (और गुनाह से बचाए) | ||