Surat Ar-Ra'd (The Thunder) - الرعد
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13:22 وَٱلَّذِينَ صَبَرُوا۟ ٱبْتِغَآءَ وَجْهِ رَبِّهِمْ وَأَقَامُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَأَنفَقُوا۟ مِمَّا رَزَقْنَٰهُمْ سِرًّا وَعَلَانِيَةً وَيَدْرَءُونَ بِٱلْحَسَنَةِ ٱلسَّيِّئَةَ أُو۟لَٰٓئِكَ لَهُمْ عُقْبَى ٱلدَّارِ ﴿٢٢﴾ और (ये) वह लोग हैं जो अपने परवरदिगार की खुशनूदी हासिल करने की ग़रज़ से (जो मुसीबत उन पर पड़ी है) झेल गए और पाबन्दी से नमाज़ अदा की और जो कुछ हमने उन्हें रोज़ी दी थी उसमें से छिपाकर और खुल कर ख़ुदा की राह में खर्च किया और ये लोग बुराई को भी भलाई स दफा करते हैं -यही लोग हैं जिनके लिए आख़िरत की खूबी मख़सूस है | ||