Surat Ar-Ra'd (The Thunder) - الرعد
Home > > >
13:35 مَّثَلُ ٱلْجَنَّةِ ٱلَّتِى وُعِدَ ٱلْمُتَّقُونَ تَجْرِى مِن تَحْتِهَا ٱلْأَنْهَٰرُ أُكُلُهَا دَآئِمٌ وَظِلُّهَا تِلْكَ عُقْبَى ٱلَّذِينَ ٱتَّقَوا۟ وَّعُقْبَى ٱلْكَٰفِرِينَ ٱلنَّارُ ﴿٣٥﴾ जिस बाग़ (बेहश्त) का परहेज़गारों से वायदा किया गया है उसकी सिफत ये है कि उसके नीचे नहरें जारी होगी उसके मेवे सदाबहार और ऐसे ही उसकी छॉव भी ये अन्जाम है उन लोगों को जो (दुनिया में) परहेज़गार थे और काफिरों का अन्जाम (जहन्नुम की) आग है | ||