Surat Ibrahim (Abraham) - ابراهيم
Home > > >
14:4 وَمَآ أَرْسَلْنَا مِن رَّسُولٍ إِلَّا بِلِسَانِ قَوْمِهِۦ لِيُبَيِّنَ لَهُمْ فَيُضِلُّ ٱللَّهُ مَن يَشَآءُ وَيَهْدِى مَن يَشَآءُ وَهُوَ ٱلْعَزِيزُ ٱلْحَكِيمُ ﴿٤﴾ और हमने जब कभी कोई पैग़म्बर भेजा तो उसकी क़ौम की ज़बान में बातें करता हुआ (ताकि उसके सामने (हमारे एहक़ाम) बयान कर सके तो यही ख़ुदा जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिस की चाहता है हिदायत करता है वही सब पर ग़ालिब हिकमत वाला है | ||