Surat Ibrahim (Abraham) - ابراهيم
Home > > >
14:51 لِيَجْزِىَ ٱللَّهُ كُلَّ نَفْسٍ مَّا كَسَبَتْ إِنَّ ٱللَّهَ سَرِيعُ ٱلْحِسَابِ ﴿٥١﴾ ताकि ख़ुदा हर शख़्श को उसके किए का बदला दे (अच्छा तो अच्छा बुरा तो बुरा) बेशक ख़ुदा बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है | ||