Surat Al-Israa (The Night Journey) - الإسراء
Home > > >
17:106 وَقُرْءَانًا فَرَقْنَٰهُ لِتَقْرَأَهُۥ عَلَى ٱلنَّاسِ عَلَىٰ مُكْثٍ وَنَزَّلْنَٰهُ تَنزِيلًا ﴿١٠٦﴾ और क़ुरान को हमने थोड़ा थोड़ा करके इसलिए नाज़िल किया कि तुम लोगों के सामने (ज़रुरत पड़ने पर) मोहलत दे देकर उसको पढ़ दिया करो | ||