Surat Al-Israa (The Night Journey) - الإسراء
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17:111 وَقُلِ ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ ٱلَّذِى لَمْ يَتَّخِذْ وَلَدًا وَلَمْ يَكُن لَّهُۥ شَرِيكٌ فِى ٱلْمُلْكِ وَلَمْ يَكُن لَّهُۥ وَلِىٌّ مِّنَ ٱلذُّلِّ وَكَبِّرْهُ تَكْبِيرًۢا ﴿١١١﴾ और कहो कि हर तरह की तारीफ उसी ख़ुदा को (सज़ावार) है जो न तो कोई औलाद रखता है और न (सारे जहाँन की) सल्तनत में उसका कोई साझेदार है और न उसे किसी तरह की कमज़ोरी है न कोई उसका सरपरस्त हो और उसकी बड़ाई अच्छी तरह करते रहा करो | ||