Surat Al-Israa (The Night Journey) - الإسراء
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17:11 وَيَدْعُ ٱلْإِنسَٰنُ بِٱلشَّرِّ دُعَآءَهُۥ بِٱلْخَيْرِ وَكَانَ ٱلْإِنسَٰنُ عَجُولًا ﴿١١﴾ और आदमी कभी (आजिज़ होकर अपने हक़ में) बुराई (अज़ाब वग़ैरह की दुआ) इस तरह माँगता है जिस तरह अपने लिए भलाई की दुआ करता है और आदमी तो बड़ा जल्दबाज़ है | ||