Surat Al-Israa (The Night Journey) - الإسراء
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17:15 مَّنِ ٱهْتَدَىٰ فَإِنَّمَا يَهْتَدِى لِنَفْسِهِۦ وَمَن ضَلَّ فَإِنَّمَا يَضِلُّ عَلَيْهَا وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِزْرَ أُخْرَىٰ وَمَا كُنَّا مُعَذِّبِينَ حَتَّىٰ نَبْعَثَ رَسُولًا ﴿١٥﴾ जो शख़्श रुबरु होता है तो बस अपने फायदे के लिए यह पर आता है और जो शख़्श गुमराह होता है तो उसने भटक कर अपना आप बिगाड़ा और कोई शख़्श किसी दूसरे (के गुनाह) का बोझ अपने सर नहीं लेगा और हम तो जब तक रसूल को भेजकर तमाम हुज्जत न कर लें किसी पर अज़ाब नहीं किया करते | ||